यदि इंसान सिर्फ दौलत के बारे में ही सोचता रहे तो लोगों की सेवा कब करेगा. – दौलत चिन्ता – ध्यान, फिक्र, सोच, परवाह, विचार, अधीरता, रंज, दुःख, शोक व्यथा। मेरा विचार तो ये है कि जब भी अवसर मिले इनका प्रयोग अपने लेखन-कौशल को बढ़ाने के लिए करते रहना https://kamchorkaparyayvachishabd16836.empirewiki.com/8358345/not_known_facts_about_samudra_ka_paryayvachi