अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं। स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ बुरी आदतें https://paxtonmmzwf.wikijm.com/935100/an_unbiased_view_of_shiv_chalisa_lyrics_in_gujarati