“मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ “मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ !! Urdu language is full of a great number https://youtu.be/Lug0ffByUck