अकबर बीरबल की कहानियाँ गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी द्वारा ऐसे शब्द कहें जाने की उम्मीद नहीं थी। और वह शिष्य अपने आप को ज्ञानवान अक्लमंद भी समझता था सो उसके अहम को बहुत ठेस पंहुचा। चूड़ियों की गिनती "हाँ, मैं प्रधानमंत्री https://lokhitkhabar.com/